लघुकथा – खुद्दारी
“पिताजी आप ठीक तो हो न? पैसो की कमी मत देखना,अब मैं बहुत पैसा कमाने लगा हूँ। पर उसे क्या
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Read Moreअचानक सहेली प्रभा की मौत की खबर सुन कमला तो जैसे अंदर तक हिल गयी | प्रभा की बहू का
Read Moreमातृत्व सुख वरदान कुदरत का आलौकिक चमक चेहरे पर आलोक अंतर्मन ख़ुशी से मीठे पानी के झरने सा झंकृत एक
Read Moreउमाकांत रोज सुबह तीन बजे उठ कर नदी मे स्नान करने जाते थे और आते वक्त ईश्-वंदना करते आते थे
Read Moreसदर बाजार मे पीपल के पेड़ के गटे पर टाट-पट्टी बिछा कर बैठता है पन्ना लाल ! उसके दाई और
Read Moreअब तो विमला के लिए होली का त्यौहार मात्र एक रस्म निभाने जैसा है। उनके परिवार में होली के ही
Read Moreटाउन हॉल खचाखच भरा था। तालियों की गड़गड़ाहट से पता चला कि मिस. रस्तोगी हाल में आ गयी है। आज
Read Moreमहेश का बार – बार रीमा को केबिन मे बुलाना ऑफिस के सारे स्टाफ मे चर्चा का विषय बन गया
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