लक्ष्य का गीत
ज़िद पर आओ,तभी विजय है,नित उजियार वरो। करना है जो,कर ही डालो,प्रिय तुम लक्ष्य वरो।। साहस लेकर,संग आत्मबल बढ़ना ही
Read Moreज़िद पर आओ,तभी विजय है,नित उजियार वरो। करना है जो,कर ही डालो,प्रिय तुम लक्ष्य वरो।। साहस लेकर,संग आत्मबल बढ़ना ही
Read Moreश्रम करने वालों के आगे,गहन तिमिर हारा है। श्रमिकों के कारण ही तो देखो,हरदम उजियारा है।। खेत और खलिहानों में
Read Moreप्रो.शरद नारायण खरे को “गोस्वामी तुलसीदास साहित्य रत्न सम्मान मंडला-कलम की ताक़त साहित्य समूह ने भक्ति संतों के सृजन व
Read Moreजलता जाता देश,चुप्प हैं देखो सारे। नौजवान को समझाकर के,सब ही हारे।। नीति,नियति की बातें होतीं,हिंसा फैली। देखो तो सबकी
Read Moreरोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं । अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं ।। बढ़ता जाता
Read More(1) करना नित व्यायाम,ज़िन्दगी मंगल गाती। कहता चोखी बात,मान यदि मन को भाती। जीवन में उत्थान,यही तो सब ही चाहें,
Read Moreमंडला– विगत चार दशकों से अधिक समय से निस्वार्थ भाव से समाज हित में सांस्कृतिक व मानवीय मूल्यों के परिप्रेक्ष्य
Read More(1) अंतर में शुचिता पले,तो हो प्रभु का भान। वरना मानव मूर्ख है,कर ले निज अवसान।। कर ले निज अवसान,विधाता
Read Moreगुरु कबीर को है नमन्,जिन ने बाँटा ज्ञान। ख़ूब यहाँ पर रच दिया,सामाजिक उत्थान।। सद्गुरु प्रखर कबीर थे,फैलाकर आलोक। परे
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