प्रो (डॉ) शरद नारायण खरे सम्मानित
मप्र जन अभियान परिषद ने महर्षि अरविन्द घोष जयंती पर उत्कृष्टता के साथ व्याख्यानमाला का आयोजन किया। मप्र सांख्यिकी विभाग
Read Moreमप्र जन अभियान परिषद ने महर्षि अरविन्द घोष जयंती पर उत्कृष्टता के साथ व्याख्यानमाला का आयोजन किया। मप्र सांख्यिकी विभाग
Read Moreऔघड़दानी,हे त्रिपुरारी,तुम प्रामाणिक स्वमेव ।पशुपति हो तुम,करुणा मूरत,हे देवों के देव ।।श्रावण में जिसने भी पूजा,उसने तुमको पाया।पूजन से यह
Read Moreगीत गा रही वर्षारानी, आसमान शोभित है।बहुत दिनों के बाद धरा खुश, तबियत आनंदित है।। गर्मी बीती आई वर्षा, चार
Read Moreजल की पहली बूँद ने,गाया मंगल गीत।कृषकों की तो बन गई,वर्षा अब मनमीत।। जमकर बरसो आज तुम,ऐ बदरा मनमीत।धरती के
Read Moreकरता नशा विनाश है,समझ लीजिए शाप।ख़ुद आमंत्रित कर रहे,आप आज अभिशाप।। नशा बड़ी इक पीर है,लिए अनेकों रोग।फिर भी उसको
Read Moreनेता कुर्सी पर लदा,सुख का करता भोग।नेता जन के तंत्र का,बहुत बड़ा है रोग।। नेता से वादे झरें,बाहर आता झूठ।खड़ा
Read Moreगुज़ारें प्रेम से जीवन,नफ़रती सोच को छोड़ें।हम अपने सोच की शैली अभी से,आज से मोड़ें।। अँधियारे को रोककर,सद्भावों का गान
Read Moreवन जब तक,तब तक यहाँ,हवा मिलेगी ख़ूब। वरना हम सब पीर में,जाएँगे नित डूब।। वन का रहना है हमें,सुख का
Read Moreसूरज आतिश बन गया,तपे नगर औ” गाँव । जीव सभी अकुला उठे,ढूंढ रहे सब छाँव ।। लू का तो आक्रोश
Read Moreदुर्गा माँ तुम आ गईं,हरने को हर पाप। संभव सब कुछ आपको,तेरा अतुलित ताप।। सद्चिंतन तजकर हुआ,मानव गरिमाहीन। दुर्गा माँ
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