खेल नंबरों का
समीक्ष्य कृति – खेल नंबरों का कृतिकार- गोविंद शर्मा प्रकाषक -साहित्यागार, धम्माणी मार्केट, चैड़ा रास्ता जयपुर। समीक्षक – प्रो. शरद
Read Moreसमीक्ष्य कृति – खेल नंबरों का कृतिकार- गोविंद शर्मा प्रकाषक -साहित्यागार, धम्माणी मार्केट, चैड़ा रास्ता जयपुर। समीक्षक – प्रो. शरद
Read Moreमित्र वही जो नेह दे,सदा निभाये साथ हर मुश्किल में थाम ले,कभी न छोडे़ हाथ ।। पथ दिखलाये सत्य का,आने
Read Moreबादल लेकर आ गये,वर्षा का संदेश । जल बरसा दिखलायंगे,वे अपना आवेश ।। सूखे पर पाई विजय,तुम सचमुच बलवान ।
Read Moreमातु शारदे,नमन् कर रहा,तेरा नित अभिनंदन है ! ज्ञान की देवी,हंसवाहिनी,तू माथे का चंदन है !! अक्षर जन्मा है तुझसे
Read Moreपत्नी ही है प्रेमिका,पत्नी ही है मित्र। महकाती जीवन सदा,बन खुशबू का यंत्र।। पत्नी से ही प्रेम हो,पत्नी से अभिसार
Read Moreरोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता
Read Moreबरसो बरखा,बरसो बरखा,गाओ गीत सुहाने । आ जाओ हर प्राणी की अब,प्यास बुझाने ।। कबसे हम सब तरस रहे थे
Read Moreअब तो गाओ पावस रानी,गीत सुहाने। नहीं चलेंगे अब तो कोई व्यर्थ बहाने ।। बौछारों से कुछ ना होगा जमकर
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