प्रणय गान
जीवन में वरदान प्रेम है,है उजली इक आशा ! अंतर्मन में नेह समाया,नही देह की भाषा !! लिये समर्पण,त्याग औ’
Read Moreरंगों के सँग खेलती, एक नवल- सी आस। मन में पलने लग गया, फिर नेहिल विश्वास।। लगे गुलाबी ठंड पर,
Read Moreनीर लिए आशा सदा, नीर लिए विश्वास। जल से सांसें चल रही, देवों का आभास।। अमृत जैसा है “शरद”, कहते
Read Moreधुंध हो गया सारा जीवन,कुछ भी नज़र नहीं आता ! आशाएं अब रोज़ सिसकतीं,कुछ भी नज़र नहीं आता !! बाहर
Read Moreबिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप ! ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप !! पेट्रोल,डीजल जले,बिजली जलती ख़ूब ! हरियाली नित रो
Read Moreहिम्मत,ताक़त,शौर्य विहंसते,तीन रंग हर्षाये हैं ! सम्प्रभु हम,है राज हमारा,अंतर्मन मुस्काये हैं !! क़ुर्बानी ने नग़मे गाये, आज़ादी का वंदन
Read Moreयुवा चेतना दे रहे,स्वामी जी सानंद ! था ‘विवेक’ पाया सदा,इसीलिये ‘आनंद’ !! किये काम,सो हैंअमर,सदा रहेंगे पास ! नव
Read Moreनया काल है,नया साल है,गीत नया हम गाएंगे । करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे ।। बीत गया
Read More