दोहे- तू और चाँद
इतराता है चाँद तो, पा तुझ जैसा रूप। सच,तेरा मुखड़ा लगे, हर पल मुझे अनूप।। चाँद बहुत ही है मधुर,
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Read More(1) मुझे गांधी ने सिखलाया,जिऊँ मैं कैसे यह जीवन। बनाऊँ कैसे मैं इस देह और मन को प्रखर,पावन। मुझे नैतिकता-पथ
Read Moreमंडला–भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश व उच्च शिक्षा विभाग सहित ज़िला प्रशासन के आदेश पर शासकीय कन्या स्नातक महाविद्यालय में
Read Moreभारत माँ की आज़ादी को,बहुत यहाँ क़ुर्बान हुए। गोरों से लड़कर के सारे,देशभक्त संतान हुए।। हमने रच डाली नव गाथा, लेकर
Read Moreनया भास्कर द्वारे आया,गूँजे नये तराने। किरणों में है नवल ताज़गी,हर पल लगे सुहाने।। मंज़िल अब तो दूर न होगी,
Read Moreमंडला-फेसबुक के सुपरिचित व चर्चित साहित्य समूह ‘हिंदी साहित्य परिवार’ द्वारा किरण पांडेय जी के संयोजन-संचालन में राष्ट्रीय स्तर की
Read Moreसूरज आया इक नया,गाने मंगल गीत । प्रियवर अब दिल में सजे,केवल नूतन जीत ।। उसकी ही बस हार है,जो
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