भक्त-चम्मच-युद्ध (व्यंग्य)
इन दिनों देश में ‘भक्त-चम्मच- युद्ध’ छिड़ा हुआ है। भक्त अपने को सर्वश्रेष्ठ ‘भक्त-राज ‘सिद्ध करना चाह रहे हैं तो
Read Moreइन दिनों देश में ‘भक्त-चम्मच- युद्ध’ छिड़ा हुआ है। भक्त अपने को सर्वश्रेष्ठ ‘भक्त-राज ‘सिद्ध करना चाह रहे हैं तो
Read Moreहै तुम्हें नमन ओ वीर धरा के जाओ तुम परदेस आँखों में आँसू भर-भर के विदा करे ये देश। गाएगी
Read Moreरोको ना रणभेरी के स्वर, एक बार बज जाने दो होता है गर आज युद्ध तो, एक बार हो जाने
Read Moreमैंने भी श्यामल ज़ुल्फों में, अपनी शाम गुजारी है मैंने भी रस भरे लबों पर, अपनी ग़ज़लें वारी हैं मैं
Read Moreहिन्दी दिवस पर एक प्रचलित कहावत दिमाग में उँगली कर रही है- घूरे के दिन फिरना, यानि “अच्छे दिन आना।”
Read Moreदेश इस समय मुक्ति-पर्व मना रहा है। “कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” कहकर जो दिव्यात्मा संसार से कूच कर गई,
Read Moreथूकना और चाटना- दोनों क्रियाएँ अशोभनीय मानी जाती हैं और थूककर चाटना-अतिअशोभनीय। हमारा देश थूकने के मामले में स्वावलंबी है।
Read Moreमनुष्य हिंसक प्राणी है। हमारे मनीषी और महापुरुष न जाने कब से ज्ञान का कोलड्रिंक पिला-पिलाकर उसे ‘मानव’ बनाने के
Read Moreआँखें, भगवान का वरदान है। अंधापन, अभिशाप। अक्ल भी भगवान की देन मानी जाती है। जो किसी को कम तो
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