गीत
मौन रखूँगा अंतर्मन को, अब ये रस्म निभानी हैअधर रहेंगे मौन सदा, गीता की कसम उठानी है। कुरुक्षेत्र जब मचा
Read Moreजब तक पीले पात तरू के नहीं झरेंगेंकैसे नव पल्लव जग का सिंगार करेंगे?कल तक जो फूलों की माला गले
Read Moreतेरे नाम के मद में राधे, मैं तो डूबा जाऊँसुबह-शाम-दिन-रात मैं,राधे-राधे-राधे गाऊँ। चखकर तेरे नाम की मदिरा, दुनिया भूल गया
Read Moreमत जाओ तुम गणराज, बहुत याद आओगेफिर एक बरस तक नाथ, हमें तरसाओगे ना फूलों की लड़ियाँ होगी, रंग-बिरंगी गलियाँ
Read Moreआती जाती साँस पुकारे, राधा तेरा नामसुमिर-सुमिर तन आज हुआ है मेरा चारो धाम मिश्री बनकर नाम तेरा, मुख में
Read Moreभारत में बलात्कार का इतिहास स्वर्णिम रहा है। त्रेता-द्वापर में इसके पराक्रम को स्वर्णाक्षरों में उकेरा गया है। विदेशी आक्रांताओं
Read Moreशूल-पत्थर की डगर है तेज़ धाराएँ-भँवर हैंसामने भूधर खड़ा है शत्रु बन तूफाँ अड़ा हैधूल पलकें मूँदती है पग को
Read Moreआज कॉलोनी में सुबह-सुबह जैसे ही एक प्रश्न गूँजा- “पप्पू पास हो गया?” प्रत्युत्तर में मानो कॉलोनी में कोरस सा
Read Moreसत्ताधारी कहते हैं- गरीबों का विकास हुआ। विपक्ष कहता है-गरीबी का विकास हुआ। अपनी तो खोपड़ी घूम जाती है भाई
Read More