जय जवान! जय किसान!!
जहाँ तक मेरी याददाश्त का प्रश्न है, पह शुरू से ही वह भारतीय नारी की तरह अबला रही है। किन्तु
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Read Moreरंग न होते हिन्दू -मुस्लिम रंगों की ना जात सखे! रंगों की भाषा ना बोली पर कह देते बात
Read Moreकहते हैं कि दो सांडो़ं की लड़ाई में बाड़ी उजड़ जाती है। लेकिन मैंने पहली बार दो नहीं बल्कि तीनों
Read Moreबड़ा ही सुंदर दृश्य था। राजपथ के दोनों ओर गणतंत्र भारत के गण बैठे थे। कोहरे में झाँकियों को देखने,
Read Moreनवीन उमंग नव मन में तरंग नव नाद उन्माद नव कामना का ज्वार हो नव-नव ताल में मुदित नव कंज
Read Moreबाबू प्रेमलाल न सिर्फ नाम बल्कि काम से भी बाबू ही थे। वे अपने को आॅफिस का बाबू कम बापू
Read Moreचोरी करना अपराध ही नहीं पाप भी है। चोरी, एक ऐसा कुकृत्य है जिसके बिना सभ्य समाज का काम नहीं
Read Moreसारा शहर सन्नाटे में डूबा था। अजीब-सा सन्नाटा पसरा था, हर तरफ। सभी की आँखों में बस एक ही प्रश्न
Read Moreजब से तुम पलकों के पट में स्वप्न बन कर खो गए नैन मंदिर हो गए हैं, अश्रू चंदन हो
Read Moreकिसी भी देश की एक पहचान होती है, उसके नागरिकों से। और नागरिकों की उनके गुणों से। इस आधार पर
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