मैं और कीड़ा
कहते हैं मनुष्य के दिमाग में एक कीड़ा होता है, जो समय-बेसमय पर उसे काटता रहता है। उस दिन कीड़े
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Read Moreकरवाँ-चौथ पर चाँद के माध्यम से उन सभी के लिए एक रचना जो चाँद में अपना प्रियतम तलाशते हैं और
Read Moreआज ‘शरद-पूर्णिमा’ है। प्रायः आप लोग आकाश में रात के समय कभी-कभी चंद्रमा के बहुत पास और साथ-साथ एक तारे
Read Moreहे बापू! दो अक्टूबर को हम फिर तुम्हारा जन्मदिन मना रहे हैं। पहले भी मनाते रहेे हैं, आगे भी मनाते
Read Moreथानेदार साहब को भैंस का दूध बहुुत पसंद था। वे अपना अपमान तो सह सकते थे, पर भैंसों की शान
Read Moreप्रतीक्षा करना भारतीयों का राष्ट्रीय गुणधर्म है। यदि लंदन की सड़क पर भी आपको इंतज़ार की मुद्रा में कोई व्यक्ति
Read Moreआज मेरा जन्मदिन है अर्थात् मैं जीवित हँू। इस देश में जिंदा रहना बड़ा कठिन कार्य है। अटलांटिक और आर्कटिक
Read Moreमै अब थोड़ा-थोड़ा बूढ़ा होने लगा हूँ। ठीक वैसे ही जैसे पच्चीस वर्ष पहले थोड़ा-थोड़ा जवान होने लगा था। आपके
Read Moreभारत-रत्न देने का मुद्दा देशव्यापी हुआ है, यकीन मानिए मुझे हर भारतीय में एक भारत-रत्न की-सी आभा दिखाई देती है।
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