बालगीत : तितली
बालदर्शन मासिक कानपुर मे नवम्बर 1991 में छपा प्रथम बालगीत फूलों पर मंडराती तितली चंचल पंख हिलाती तितली डाल-डाल पर
Read Moreबालदर्शन मासिक कानपुर मे नवम्बर 1991 में छपा प्रथम बालगीत फूलों पर मंडराती तितली चंचल पंख हिलाती तितली डाल-डाल पर
Read Moreआगे इसे ले जाना है भारत सपूत हम सच्चे हैं देश सेवा से न पीछे हटेंगे मेहनत करेंगे डटकर हम
Read Moreबीते दिनों समग्र साहित्यिक योगदान व कई पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन सहभागिता के लिए शाहजहांपुर उ0प्र0 के शशांक मिश्र भारती को
Read Moreनकलची बन्दर जंगल में एक सिंह रहता था। जंगल बहुत विशाल और घना था। दिन में भी भय के कारण
Read Moreचम्पक वन में एक बकरी रहती थी। वह बहुत निडर थी।उसको किसी का भय न था। जंगल का राजा शेर
Read Moreसृष्टि के सृजन के साथ-साथ सूर्य-चन्द्र तारे बनें चमके पेड़-पौधों का उद्भव हुआ मानव ने जन्म लेकर चलना फिरना घूमना
Read Moreबच्चों कई वर्ष पहले जब हम गणतंत्र दिवस मना रहे थे। उसी समय हमारे देश के पश्चिमी राज्य गुजरात में
Read Moreहोली पर हाइकु 01ः- खेलते रंग विश्वास घात का अनोखा ढंग। 02ः- चतुराई से होलिका है जलती न प्रहृलाद। 03ः-
Read Moreचुनावी हाइकु 01 – इस चुनाव आदमी तो आदमी गधे भी खुश । 02 – अपने साथ अपनों को गिराया
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