पत्थर नहीं इंसान हूं
मैं वहां अकेली गयी,पर ना आयी अकेलीउसकी यादें आयी बन कर के सहेली।कहते हैं खो जाओ मेरे ख्वाबों खयालों में,मत
Read Moreमैं वहां अकेली गयी,पर ना आयी अकेलीउसकी यादें आयी बन कर के सहेली।कहते हैं खो जाओ मेरे ख्वाबों खयालों में,मत
Read Moreकाश ऐसा होता, काश ऐसा होता, मन चाहे वो होता, काश ऐसा होता। मन देखें वो जो सपने रातों में,
Read Moreजिंदगी जैसे है एक पहेली, कैसे सुलझेगी ऐ सहेली। वीरान पड़े हैं सब रास्ते, खड़े हैं किसके वास्ते। तकदीर तुली
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