अगर तुम न होते
चले पुरवैया है मेघ घुमड़ के हरित सिंचित भूतल लाए। चेतन जीव शून्य होता,अगर तुम न होते कौन जल लाए।
Read Moreचले पुरवैया है मेघ घुमड़ के हरित सिंचित भूतल लाए। चेतन जीव शून्य होता,अगर तुम न होते कौन जल लाए।
Read Moreगोलू अपनी पढ़ाई कर रहा था। मम्मी नहा धो कर आई अपने बेटे गोलू से बोली बेटा गोलू यह लो
Read Moreबदल रहा मौसम हर बार आहिस्ता आहिस्ता। दे रही है अब कुदरत मार आहिस्ता आहिस्ता। रहा था मोल दुनियां में
Read Moreथोड़े जज़्बात थोड़ी गुफ़्तगू से दिल मचलता है। दो घड़ी पास बैठ जाने से ही सुकून मिलता है। हसरत भरी
Read Moreभारत की बेटियों की आबरू क्यों बाजार हुई। दरिंदों के हाथों क्यों है आज बेटियां लाचार हुई। चीरहरण फिर से
Read Moreटक टक चलती कुल्हाड़ियां, छू छू करता आरा बेकसूर वृक्षों को काटे जा रहा था। चहुँ और भयावह नजारा था।
Read Moreधरती प्यासी अंबर निहारे, आओ कहां हो मेघा रे। कई दिनों से आस ले बैठी, मुखड़ा न तेरा देखा रे।
Read Moreदिन भर की भाग दौड़ करके भी मेहनत उस के पल्ले नहीं पड़ रही थी। अपनी डिग्रियां सम्भाल कर कितने
Read Moreहो डगर कंटक भरी ,मुझे मंज़िल को पाना है। झंझावात बेशक खड़े,अविरल कदम बढ़ाना है। हौसले बुलंद अगर ,हो जाती
Read Moreचार दिन का मुसाफिर लम्बा सफर तेरा। चला जाएगा बंदे लगा के जग से फेरा। काम, क्रोध,लोभ बस समझे सब
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