गीतिका/ग़ज़ल श्रद्धा जैन 03/11/201403/11/2014 ग़ज़ल अभी से खुद को आधा कर लिया है बिछड़ने का इरादा कर लिया है मोहब्बत से भी हम उकता गए Read More
गीतिका/ग़ज़ल श्रद्धा जैन 02/11/201401/11/2014 ग़ज़ल न मंज़िल का, न मकसद का , न रस्ते का पता है हमेशा दिल किसी के पीछे ही चलता रहा Read More
गीतिका/ग़ज़ल श्रद्धा जैन 01/11/2014 ग़ज़ल ख़ुशी बेइंतहा जब भी कभी महसूस होती है तुम्हें भी आँख में तब क्या नमी महसूस होती है ? कभी फुरकत Read More