गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 03/05/202030/05/2020 गीतिका गिरी हूँ तो उठूंगी यह ठान रखा है, हारी हूँ तो जीतूंगी यह मान रखा है। परवाह नहीं करती इस Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 23/04/2020 ये लोग घरों में नहीं रहने वाले पछताएंगे ये लोग, फिर खुद ही औरों को समझाएंगे ये लोग। अभी भी मजाक में Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 29/03/2020 गीतिका देखो जीवन के खेल कितने निराले हैं, बड़ी मुश्किल से मिलते दो निवाले हैं। इस पापी पेट की आग बुझती Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 16/03/2020 गीतिका देखो जीवन के खेल कितने निराले हैं, बड़ी मुश्किल से मिलते दो निवाले हैं। इस पापी पेट की आग बुझती Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 01/03/2020 गीतिका अब पता चला वो कितनी खार खाए बैठे हैं, बर्बादी को हमारी वो हथियार छिपाए बैठे हैं। हम कभी नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 24/02/2020 गजल आज गुलाब को गुलाब बेचते देखा मैंने, खुली सड़कों पर ख्वाब बेचते देखा मैंने। नन्हीं आँखों में लिए हुए छोटी Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 01/12/2019 गीतिका हम शर्मिंदा नहीं बेशर्म हैं, इसीलिए होते कुकर्म हैं। अपना इतिहास भूल गए, इसीलिए हो गए बेदम हैं। शस्त्र नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 01/12/2019 गीतिका बनकर रणचण्डी दुष्टों का संहार करो, बच ना पाए काल से ऐसा प्रहार करो। बस लोग तो मोमबत्ती ही जला Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 26/10/2019 गीतिका किसी की दीवाली होगी, किसी का दिवाला होगा, किसी के घर अंधेरा होगा, किसी के उजाला होगा। अगर चुनाव परिणाम Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 14/08/2019 ग़ज़ल नफरतों के इस दौर में प्यार की उम्मीद मत कर, हर किसी से सच के स्वीकार की उम्मीद मत कर। Read More