वो हारी हुई औरत
ख़ुशी के प्रदर्शन में चमकता चेहरा हमेशा ही मुस्कराहट में फैलें होंठ लेकिन आँखों में है समेटे जाने कितने ही
Read Moreख़ुशी के प्रदर्शन में चमकता चेहरा हमेशा ही मुस्कराहट में फैलें होंठ लेकिन आँखों में है समेटे जाने कितने ही
Read Moreतुमसे कुछ कहना है कब से बटोर रही हूँ शब्दों को एक पहाड़ सा बन गया है शब्दों का अब
Read Moreरँगना है मुझे उसी रंग में तुम्हारे जिसमे रंग के मेरी सुबह का सूरज रौशन होता है और मेरी रातें
Read Moreखुदा भी येे कैसी इन्तिहा चाहता है मरे को कितना मारना चाहता है मुकद्दर में है जिंदगी भर का अंधेरा
Read Moreभैया सुनो! आज भी मेरे लिए अनमोल हो तुम। आज भी मन तरसता है तुम्हारे साथ को तुम्हारी एक बात
Read Moreवर्षा की बूँदें पड़ती हैं जब प्यासी धरा के अधर पे उठती है एक सोंधी सुगन्ध खिल उठती है हर
Read Moreमैंने तो बस चाहा तुम्हें तुमसे हृदयतल से प्रेम किया जैसे प्रत्येक साधारण स्त्री करती है अपने स्वप्न पुरुष से
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