माफ़ कीजिएगा पिता जी (लघु व्यंग्य)
आज मैं रोज की तरह जल्दी नहीं उठ पाया। मजबूरी थी। रात को देर रात ड्यूटी करके लौटा तो देर
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Read Moreतीर्थयात्रा आरम्भ हो चुकी है। सभी तीर्थयात्री अपना लोटा-बाल्टी और सामान-सट्टा लेकर तीर्थयात्रा को निकल चुके हैं। अन्य पारंपरिक तीर्थों से इतर यह तीर्थ कलियुग में विशेष
Read Moreकार में जा रहे प्रेमी युगल में से प्रेमिका ने जब जून की तपती दोपहर में सड़क पर पिकेट पर
Read Moreगोवंश उदास हो तलाश कर रहा है असहिष्णुता का ढिंढोरा पीटनेवाले उन महानुभावों को जो पिछले दिनों कुछ अधिक ही
Read Moreपान की दुकान पर खड़े दो शिक्षकों की नज़र काफी देर से कड़ी धूप में ट्रैफिक चला रहे दो पुलिसवालों
Read More“दद्दू गजब हो गया।” घीसू भागता हुआ आया। दद्दू ने घबराते हुए पूछा, “क्या हुआ बेटा?” “दद्दू बाबा के चरणों
Read Moreसुमित प्रताप सिंह की नवप्रकाशित पुस्तक ‘सावधान! पुलिस मंच पर है’ पढ़ी जा रही है। हाथ में आते ही यह कविता
Read Moreपुलिस कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर चाय की चुस्कियाँ लेते हुए जिले अपने सहकर्मी नफे से बोला, “भाई नफे! वो
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