Author: सुनील गुप्ता 'श्वेत'

गीतिका/ग़ज़ल

नेताओं के दंश…

नेताओं के दंश, बड़े विध्वंसक हैं. आएंगे बनके रक्षक, पर भक्षक हैं. इनकी सिर्फ कथनी-करनी ही नहीं, ये मानव हैं,

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