ग़ज़ल
अपने मुंह से अपना ही गुणगान,गलत हैअपने घर में खुद का ही सम्मान,गलत है हम ही सही,गलत हैं सारे जीवन
Read Moreपीने के बाद झाड़ रहे नबाबी से,मैंने समझाते हुए कहा एक शराबी से, लंबा जीवन जियो,यार शराब मत पियो, शराब
Read Moreचमचों की हालत बताने लगेंगेतो ईश्वर भी आंसू बहाने लगेंगेकहां गई, भारत माता कौन है?समझने में इनको जमाने लगेंगे। —
Read Moreक्यों हलाल पर मचा है, चारों ओर बवालटेंशन में क्यों दिख रहे सारे नटवरलालसारे नटवरलाल,ताल से ताल मिलाएंधर्मों के महिपाल,
Read Moreबाबू-भइया भूल न जाना,अबकी बार दिवाली मेंबेघर के घर तक भी जाना,अबकी बार दिवाली में। प्राणों की आहुति देकर जो,सबके
Read Moreदीपक की बाती-सा शिक्षक,ईश्वर की पाती-सा शिक्षक,द्रोण,दधीच,फुले, कृष्णन कीहै भारत में थाती शिक्षक। खुद जलकर देवे उजियारा,तुमने हिय के तम
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