कुंडली- पगलाई दीदी
दीदी दौरा कर रही, और भरे हुंकार एक मंच पर आइए, गदहे,श्वान, सियार गदहे,श्वान, सियार, रहे जो हिंदूद्रोही बिल्ली के
Read Moreदीदी दौरा कर रही, और भरे हुंकार एक मंच पर आइए, गदहे,श्वान, सियार गदहे,श्वान, सियार, रहे जो हिंदूद्रोही बिल्ली के
Read Moreचारा खाकर के चले, लालू भइया जेल रबड़ी भउजी सिसकतीं, कब तक होगी बेल कब तक होगी बेल,उधर तेजस्वी भइया
Read Moreबबुवा हारे अब तलक, ‘उन्तिस’ बार चुनाव चमचे फिर भी चहकते, जैसे ऊद बिलाव जैसे ऊद बिलाव, तनिक देखो बेशर्मी
Read Moreकपिलों ने इस देश को, दिया बहुत कुछ यार एक कपिल मुनि हुए थे, जाने ये संसार जाने ये संसार,
Read Moreजहाँ देखिए जी गधे ही गधे हैं, बौड़म हैं ज्यादा, और कुछ सधे हैं । मगर देखिएगा, गधे ही गधे
Read Moreचोरी करके चोर ही,करने लगे बवाल डाट रहा है लुटेरा, सहमा है कोतवाल सहमा है कोतवाल, सड़क के गड्ढे रोएं
Read Moreजूता सिसकी भरि रहा, ये मेरा अपमान सोच-समझ कर तानिए, फिर करिए संधान फिर करिए संधान, ‘केजरी’ मुवां निठल्ला संविधान
Read Moreसखा मुलायम मान लो,अब तुम ‘हमरी’ बात ‘बेटुवा’ को दे दीजिए, कुर्सी और जमात कुर्सी और जमात, ‘बुढौती’ की है
Read Moreबिल्ली, कुत्ते, लोमडी, खच्चर, गधे, सियार सारे मिलकर करेंगे, पुनः शेर पर वार पुनः शेर पर वार, देखिये फिर ठगबंधन
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