बिटिया
बिटिया ! जरा संभल कर जाना , लोग छिपाये रहते खंजर । गाँव , नगर अब नहीं सुरक्षित दोनों आग
Read Moreकरघा व्यर्थ हुआ कबीर ने बुनना छोड़ दिया । काशी में नंगों का बहुमत , अब चादर
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Read More1 . जीवन एक कठोर धरातल , माँ होती है नर्म बिछोना । सारे दुःख -दुविधा हर लेती , माँ
Read Moreमाटी अपने देश की, पुलकित करती गात। मन में खिलते सहज ही, खुशियों के जलजात।। खुशियों के जलजात, सदा ही
Read Moreदीप-मालाओ ! तुम्हारी रोशनी की ही विजय हो । छा गया है जगत में तम सघन होकर , जी रहे
Read Moreसरल, सरस भावों की धारा , जय हिन्दी , जय भारती । शब्द शब्द में अपनापन है , वाक्य
Read Moreवह गरीब किन्तु ईमानदार था. ईश्वर में उसकी पूरी आस्था थी. परिवार में उसके अतिरिक्त माँ, पत्नी एवं दो बच्चे थे.
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