हरसिंगार रखो
मन के द्वारे पर खुशियों के हरसिंगार रखो. जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी, दिन फिर जायेंगे, और अचानक आतप वाले मौसम
Read Moreमन के द्वारे पर खुशियों के हरसिंगार रखो. जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी, दिन फिर जायेंगे, और अचानक आतप वाले मौसम
Read Moreकरघा व्यर्थ हुआ कबीर ने बुनना छोड़ दिया । काशी में नंगों का बहुमत , अब चादर
Read Moreकरघा व्यर्थ हुआ कबीर ने बुनना छोड़ दिया । काशी में नंगों का बहुमत , अब चादर
Read Moreबिटिया ! जरा संभल कर जाना , लोग छिपाये रहते खंजर । गाँव , नगर अब नहीं सुरक्षित दोनों आग
Read More1 . जीवन एक कठोर धरातल , माँ होती है नर्म बिछोना । सारे दुःख -दुविधा हर लेती , माँ
Read Moreमाटी अपने देश की, पुलकित करती गात। मन में खिलते सहज ही, खुशियों के जलजात।। खुशियों के जलजात, सदा ही
Read Moreदीप-मालाओ ! तुम्हारी रोशनी की ही विजय हो । छा गया है जगत में तम सघन होकर , जी रहे
Read Moreसरल, सरस भावों की धारा , जय हिन्दी , जय भारती । शब्द शब्द में अपनापन है , वाक्य
Read More