काले बदरा
गगन पे विचरण करने वाले बदरा वर्षा दे मेरे प्याले में तूँ मदिरा जब जब सावन में तुम
Read Moreऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर श्रीराम की रामराज्य कब आयेगा जिस दिन नदी के एक घाट
Read Moreबेपनाह इश्क का है ये मंजर प्रेमी के लिये समाज बना खंजर फिर भी प्रेम प्रीत हम बरसायेगों एक दुजै
Read Moreसोहरत दौलत और जवानी इक दिन इसे मिट जाना है गुरूर घमंड रे अभिमानी इक दिन ठंड पड़
Read Moreतुमको भुलाने की आखिरी कोशिश नाकाम हो गई कमबख्त मोहब्बत में मेरी अरमान बदनाम हो गई इश्क की गुरबत में
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