जो बद् दुआ बन कर उमड़ रही है दुनिया की हर मां के हृदय से ….
चुप है एक माँ, क्या कह कर मन को मनाए क्या समझाए किसी को । रोती हुई माओं के साथ
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Read Moreमाँ कब से आवाज़ लगा रही थी। टुनिया को न जाने सुनाई दे भी रहा था भी कि नहीं। रज़ाई में दुबकी पड़ी थी। उसके
Read Moreअक्सर कहा जाता है कि सच या झूठ इन्सान के चेहरे से नहीं पहचाना जा सकता है। किसी के चेहरे
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Read Moreतुम्हारा एक नाम रखूं ? क्या नाम रखूं तुम्हारा ! प्रेम ! नहीं तुम्हारा नाम प्रेम नहीं ! वो प्रेम
Read Moreसुधा जब से किट्टी पार्टी से लौटी है तभी से चुप है। जैसे कुछ सोच रही है। हाँ , सोच
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