लघुकथा

सोच …

” क्या हुआ थक गए ! तुमसे दो चक्कर ज्यादा लगाए हैं ! ” ” थक कर नहीं बैठा, यह तो फ़ोन बीच में ही बोल पड़ा, नहीं तो …! तुमने कंधे पर सर क्यों रख दिया ? अब तुम भी तो …” ” अजी नहीं थकी नहीं हूँ ! मैं तो सोच रही हूँ […]

लघुकथा

पेपर

छोटा मनु बहुत परेशान है। उसे पढ़ने का शौक जरा भी नहीं है । पढाई कोई शौक के लिए थोड़ी की जाती है भला ! वह तो जरुरी होती है। यह उसे समझ नहीं आती। उसे तो खीझ हो उठती है, जब घर का हर सदस्य उसे कहता ,’मनु पढ़ ले !’ हद तो ये भी है […]

कविता

घर मेरा है बादलों के पार ….

दिन-रात सुबह -शाम भोर -साँझ कुछ नहीं बदलते दोनों समय का नारंगीपना….. उजली दोपहर अँधेरी काली आधी रात हो सब चलता रहता है अनवरत सा …. सब कुछ वैसे ही रहता है बदलता नहीं है ! किसी के ना होने या होने से …. फिर क्यों भटकता है तेरा मन बंजारा सा दरवाजा बंद या […]

कविता

लिखा है मैंने एक आखिरी प्रेम गीत…

ज़िन्दगी की रात में लिखा है मैंने , एक आखिरी प्रेम गीत। अगर सुनाई दे तुम्हें , तो सुन लेना ! इसे सुन ने की भी एक शर्त है मगर ! किसी के कहने -सुनने से नहीं , अगर मन से सुनो तो ही सुनना ! यह मेरा प्रेम गीत नहीं सुनाई देगा किसी हृदय हीन को […]

लघुकथा

लघुकथा : बाबा मेरे बच्चे कैसे हैं …..

“बाबा, मेरे बच्चे कैसे हैं ?” “…………. ” ” बोलो बाबा ! हर बार मेरी कही अनसुनी कर देते हो …., अब तो बोलो !” ” ……………. ” ” बाबा ! ” “……………………….” ” मैं क्या कहूँ पुत्री ।” ” क्यों नहीं कह सकते हैं ? तीन साल हो गए हैं ; अपने बच्चों से […]

बाल कहानी

बाल कहानी : रुनकु की सूझबूझ

” रुनकु पढ़ ले ! ” रुनक के कमरे से बाहर निकलते ही भोलू चिल्ला उठा, और घर के सभी लोग हंस पड़े। रुनक को भी हंसी आ गई। वह दौड़ कर भोलू के पिंजरे के पास जा पहुंची। हँसते हुए बोली, ” भोलू मिट्ठू, छुट्टियों में कोई पढता है क्या ? ” आज तो मैं नानी के […]

लघुकथा

आज मेरी बारी है ..

” बेटा कितनी देर और है स्टेशन आने में ? हमें लेने के लिए तेरी दीदी- जीजा जी आ जायेंगे ना ? ” ” हाँ माँ ! आ जायेंगे। अगर नहीं आ पाए तो हम टैक्सी कर लेंगे। ” ” अच्छा कितनी देर लगेगी ! क्या टाइम हुआ है ? ” ” दो घंटे और […]

बाल कहानी

हम चींटी की तरह बन क्यूँ नहीं बन जाते…!

एक पेड़ पर एक कौवा रहता था और पास ही एक पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला था। कौवा बहुत शैतान था अक्सर चिड़िया को सताया करता था। चिड़िया कमजोर होने के कारण कुछ कह नहीं पाती थी और अपने घोंसलें में दुबक कर बैठ जाती थी।एक दिन तो कौवे ने चिड़िया का नया गिलास चुरा […]

कहानी

नहीं बंटेगा मम्मी -डैडी का प्यार

राधिका जी बैचैनी से टहल रही थी।  ऑफिस से आते ही माधव जी ने देखा आज फिर बैचेनी की लहर है पत्नी के चेहरे पर।   सोचने लगे कारण  क्या हो सकता है भला। सुबह तो सब ठीक -ठाक  ही था। अब फिर क्या बात हो सकती है।  बच्चे भी अपने -ठौर ठिकाने पर सकुशल […]

कहानी

समझोते

” माँ ! आज आप सुरभि आंटी के पास जरूर जा कर आना !” मानसी ने मुझसे  कहा। “अब सुरभि क्या करेगी ? पढाई तुमने करनी है। जिसमें रूचि हो वह विषय लो ! ” मैं कुछ कहती इससे पहले मानसी  के पापा बोल उठे। ” लेकिन पापा !! मैं थोड़ी कन्फ्यूज़ हूँ। लॉ करुं […]