यादें
अक्सर रातों में याद कर लेती हूं , जो बीत गया है उसे बुन लेती हूं । खवाबों को सजाने
Read Moreपाती प्रिय के नेह की आंखों में आँसू भर जाती है पंथ तुम्हारा निहारकर धूल मुझे दे जाती है ।
Read Moreकैसे कह दूं तुझसे कि अब प्यार नहीं, ये दिल ही तो है कोई खिलौना तो नहीं । दर्द ऐ
Read More