रवायतें
दिल जार जार है ना जाने किसका इंतजार है , आंखों में हैं आंसूं पर लबों पे इनकार है ।
Read Moreपाती प्रिय के नेह की आंखों में आँसू भर जाती है पंथ तुम्हारा निहारकर धूल मुझे दे जाती है ।
Read Moreकैसे कह दूं तुझसे कि अब प्यार नहीं, ये दिल ही तो है कोई खिलौना तो नहीं । दर्द ऐ
Read Moreकुछ दिनों से लगता है जैसे मैं नहीं रही खो गयी हूँ भीड़ भरे रास्तों पर फिर कहीं न कोई
Read More