ख़ुशी
जाने क्यों लगते सारे रिश्ते बेमानी है ।जिंदगी रहनी है तन्हा- तन्हा ,सिर्फ ख्वाबों में जिंदगी बितानी है ।जिसको भी
Read Moreदिये की रौशनी में अंधेरों को भागते देखा अपनी खुशियों के लिए बचपन को रुलाते देखा। दीवाली की खुशियां होती
Read Moreछलक जाती हैं मेरी आँखें तुम्हें जाते हुए देखकर, अब कब आओगे सहम जाती हूँ सिर्फ यही सोचकर. अगले ही पल
Read More