प्रेम
प्रेम ही तो है ईश्वर का अनमोल वरदान ,नहीं है प्रेम सिर्फ एक दिन का मेहमान सृष्टि से पूर्व बहता था
Read Moreदिये की रौशनी में अंधेरों को भागते देखा अपनी खुशियों के लिए बचपन को रुलाते देखा। दीवाली की खुशियां होती
Read Moreछलक जाती हैं मेरी आँखें तुम्हें जाते हुए देखकर, अब कब आओगे सहम जाती हूँ सिर्फ यही सोचकर. अगले ही पल
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