नफ़रत
लहू बनकर बहती है मोहब्बत जहाँ आज भी जिस्म में , जाने कैसे नफरत से यारी कर लेते हैं लोग
Read Moreउम्मीदों के सुलगते चूल्हे पर जाने कितने युग बीत गए साँचा बनाकर औरत का क्यों प्रभु तुम भी भूल गए
Read More*क्यों एक सास कभी माँ नहीं बन पाती हँस रहे होंगे न आप भी क्या वही पुराना किस्सा, लेकिन तीस
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