यूँ हीं
कोई भी किसी का अपमान या सम्मान कर अपने संस्कारों का परिचय देता है । धैर्य सबके हिस्से कहाँ खुदा
Read Moreकाश ! मैं एक विशाल वृक्ष और छोटे-छोटे पौधे ही होती …. तो एक विशाल वृक्ष ही होती जो मैं
Read Moreबचपन से सुनती आई हूँ …. कभी खुद की आँखों से देखी नहीं …… लेकिन बात सही होने का ,
Read Moreहै कि नहीं …… बहुत गुस्सा में हैं …… है कि नहीं …… प्रेमी या प्रेमिका बे-वफ़ा निकले …. पत्नी
Read More1 माला की सूता संजोये दो दो ड्योढीं सेतु है सुता । 2 घर गमले स्त्री-वट हो बोंजाई रिश्ते सम्भले।
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