हाइकु
1 ठूँठ का मैत्री वल्लरी का सहारा मर के जीया। 2 शीत में सरि स्नेह छलकाती स्त्री फिरोजा लगे। 3
Read Moreमौत का आभास नहीं मुझे लेकिन जिन्दगी में युद्ध नहीं जीने के लिए तो जीने में मज़ा नहीं ऊबना नहीं चाहते बिना
Read Moreसोच तो रही हूँ ,अपने कुछ विचार , कुछ अनुभव भी लिखूँ , लेकिन शुरुआत कहाँ से करूं ,
Read Moreजो सीखना-सीखाना है सीख लो लेकिन झूठ की उम्र लम्बी नहीं होती याद रख लो !! वोर्नविटा का प्रचार (दौड़ लगाते
Read Moreएक छोटी सी बच्ची , देर रात तक अपने ताऊ ,बड़े चाचा ,छोटे चाचा ,फूफा ,पापा का काम से बाहर
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