विरह वर्णन
प्रीत मिलन की आस लगी है कब आओगे – कब आओगे मधुर मिलन की आस लगी है कब आओगे कब
Read Moreप्रीत मिलन की आस लगी है कब आओगे – कब आओगे मधुर मिलन की आस लगी है कब आओगे कब
Read Moreकिस कदर चाँद तारों का आना हुआ, किस कदर कारवाँ का भी जाना हुआ, हम जमाने की कलियाँ , खिलाते
Read Moreवर्षा ऋतु आयी है सबका जी डराई है कहीं- कहीं सूखा का डर कही – कही है बाढ़ का भय
Read Moreवर्षा रानी तुझे बुलावा संसार मे आया है धरती सूखी, नदियाँ सूखी, नहरें सूखी आकाल है! जीवों का संसार है
Read Moreतितली रानी – तितली रानी रंग बिरंगें पंखों वाली घास – फुस पर विचरण करती सब रंगों मे सुंदर लगती
Read More