नवगीत : पहली दफा
पहली दफा जब तुम मिले तो सब मिल गया पहली दफा जब तुम हुए खफा तो सब मिट गया पहली
Read Moreपहली दफा जब तुम मिले तो सब मिल गया पहली दफा जब तुम हुए खफा तो सब मिट गया पहली
Read Moreडिग्रियां नहीं जल रहीं हमारे ख्वाब जल रहे हैं फ्यूचर जला है ऐसे हम रोज मर रहे हैं सरकार वो
Read Moreमुझे पता ही नहीं मैं हूँ कि नहीं आसमाँ में दिखा तारा तो नहीं चलती हुई धड़कन मेरी क्यों
Read Moreजुदा होकर कहाँ गए हो तुम खफा होकर कहाँ गए हो तुम जब से तुम हो गए मुझे यूँ छोड़कर
Read Moreहम सो गए तेरी बाहों में हम खो गए अनजानी राहों में अपनी साँसो को तेरी साँसो से मिलाकर चेहरे
Read Moreमेरी हर सुबह तू ही है मेरी हर शाम तू ही है जिंदगी का क्या है भरोसा मेरी हर साँस
Read Moreटूटा है दिल मेरा, झूठा है सपना खामोश क्यों है जुबां, कहता है मन मेरा बता दे ए-खुदा, मिलेगी वो कहाँ ढूँढता मैं
Read Moreहम सभी इस बात से भलीभाँति परिचित हैं कि आधुनिक युग विज्ञान का युग है। हम सभी स्वयं की अभिलाषाओं
Read Moreरूठ गया मैं जिंदगी से, जब टूट गए मेरे सपने। हर चेहरा लगता पराया, जब छूट गए मेरे अपने। आस
Read Moreअनुज और रमेश एक ही गाँव में पैदा हुए। दोनों ही जाति के अलग परंतु दोनों के परिवारों के मध्य
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