कविता – अक्षर-माला
अक्षर-अक्षर की माला बुनती , सत-शब्दों के कुछ मोती चुनती, मनभावों की भाषा लिखती , लिखती हूं प्रीत के गीत
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Read Moreपिया मोरे नयना पीर झरे.. बिरहन बैठी बाट जोहती | मुख आँचल ओट करे || पिया मोरे नयना पीर झरे…..
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