सिस्टमपंथी
देश-भक्त ही देश की चिंता कर सकते हैं। मेरे इस कथन पर मुझे दक्षिणपंथी घोषित करते हुए उन्होंने कहा, “देशभक्त
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Read Moreइंटरव्यूकर्ता – जी, आप लेखक हो? मैं – जी नहीं, मैं लेखक नहीं हूं। इंटरव्यूकर्ता – लेकिन आप लिखते तो
Read Moreउस दिन महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों की सुनवाई के समय मैं भी उपस्थित था। शिकायतों की सुनवाई बारी-बारी हुई।
Read Moreलिखने की प्रेरणा लेखक होने के पेशे से नहीं, लहू में आए उबाल से मिलती है। इसलिए लेखक डरता नहीं,
Read Moreकई दिनों बाद मार्निंग वाक की तैयारी में था कि एक कोने पर निगाह गई, एक मकड़ी अपने बुने जाले
Read Moreदुनिया को एक न एक दिन इस महामारी से अवश्य मुक्ति मिलेगी| लेकिन इस बीमारी के जाते-जाते विकास का खोखलापन
Read Moreहुँ..हूँ..ऊँ..लिखास लगी है, लेकिन लिख नहीं पा रहा ! बड़ा अजीब है इस कोरोना-काल का असर! काम के दिनों में
Read More“आपके लेखन में साहित्यिकता नहीं है!” लेखकीय मन से जुड़ने की कोशिश में मेरे सामाजिक सरोकार वाले मन ने मुझसे
Read Moreसीट-बेल्ट बाँधकर एक्सीलेटर दबाने के लिए जैसे ही उसपर पैर रखा, चिहुँक उठा, “ये ल्यौ ! घिसइया तो कार का
Read Moreआजकल देश को सही मायने में विशुद्ध लोकतांत्रिक बनाने के लिए ढेलेबाजी की जरूरत महसूस की जा रही है, ऐसा
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