खेती का परदूषण
वो क्या है कि इधर मैं भी गाँव चला गया था। कुछ खेती-किसानी जैसी बातों पर ध्यान गया तो किसान-आन्दोलन
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Read Moreउस दिन वे, जैसे किसी परेशानी में थे। मिलते ही बोले, “यार, वे सब मुझे बाईपास कर रहे हैं।” मतलब,
Read Moreउस दिन आफिस की डाक मार्क करते-करते अचानक एक शिकायतनुमा पत्र पर मेरी नजर ठहर गयी। एक ही झटके में
Read Moreउधर बेचारी भारतीय सेना सीमा पर पाकिस्तानी बंकर को तबाह करने में लगी है और इधर भारत के अंदरखाने में
Read Moreवाकई, बेचारा यह दिल, दिल ही तो है, जो पता नहीं कब किस बात के लिए हुड़कने लगे! जैसे, आजकल
Read Moreएक दिन क्या हुआ कि, मैं सुबह-सुबह अखबार की प्रतीक्षा में, अनमने से बैठा हुआ था, तभी मेरे एक मित्र
Read More“आप लोग, लोगों को चप्पल घिसवाने से बाज आईए” एक शिकायत-समाधान-प्रकोष्ठ में सुना गया था यह वक्तव्य! सुनकर हवाई-चप्पल पर
Read Moreउन दिनों बैलेट पेपर से वोटिंग का जमाना था, हम भी बूथ-बूथ मजिस्ट्रेट बने फिर रहे थे तब नौकरी के
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