दुर्गेश के दोहे
रंग बिरंगे लोग सब, बदलें हर पल रंग। देख जगत की चाल को, विनोद अत्यधिक दंग। फाल्गुन आया झूम कर, करने को
Read Moreरंग बिरंगे लोग सब, बदलें हर पल रंग। देख जगत की चाल को, विनोद अत्यधिक दंग। फाल्गुन आया झूम कर, करने को
Read Moreसंशय संशय मन मत पालिए, संशय करे तबाह । संशय की दीवार को, दो इक पल में ढाह। बदलें कब हालात
Read Moreबसंत आएगा फिर से वही, खुशियों भरा बसंत। महकेगा सारा चमन, भरमाएगा कंत। जग गाएगा गीत पीर लिए फिरते सभी,
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