भँवरा डोले
भँवरा बनकर डोल रहा है , मारा मारा फिर रहा है , हर एक से बातें करता , कहता है
Read Moreभँवरा बनकर डोल रहा है , मारा मारा फिर रहा है , हर एक से बातें करता , कहता है
Read Moreवह पल फिर लौट के आएगा , नेह की गङ्गा धरा पर लाएगा , हर आँगन बगिया बन महकेगा, स्वर्ग
Read Moreअद्भुत है मोबाइल वानिकी तहरीर भी बिन देखे होती है, तफसील की चलती दुकानें तफरीह लफ्जों का खेल है
Read Moreनेता दिन में जागते नहीं है. रात में सोते नहीं है बिजी रहते है. विपक्ष पर प्रहार में ।
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