कविता वत्सला सौम्या समरकोन 10/07/202130/07/2021 उम्मीद, कविता कल और कल सीचें पानी, न करें इंतज़ार बरसात की न करें चिंता बरसात की बगैर करें चिंता खुशकी – ए – पंखुड़ी Read More
कविता वत्सला सौम्या समरकोन 07/01/2021 जज़्बात, दूरियाँ, पहली गज़ल, शायर दूरियाँ हर दिल में हो या, ना भी हो इक शायर जो, जागेगा जब मिले तो इक हमसफ़र इन अखियों को Read More
कविता वत्सला सौम्या समरकोन 30/07/201931/07/2019 समंदर जैसे हैं बादल गगन पर वैसे हैं सागर की लहरें दोनों का तन-मन सुहावन करती हैं सूरज की किरणें जैसे Read More
कविता वत्सला सौम्या समरकोन 27/03/201928/04/2019 पतंग ज़िन्दगी इक पतंग हो तो चलेगा वह दूर तक टूट गया धाग कहीं पर तो टूटा समझो बंधन तेज़ आंधी Read More
कविता वत्सला सौम्या समरकोन 20/12/201827/03/2019 कविता – वत्त वत्त दूर तक फैले पहाड़ों के बीच से धूप जो आ रही है पास थोड़ी देर रुककर वह, लौटती है, Read More