“कुंडलिया”
ढोंगी करता ढोंग है, नाच जमूरे नाच बांदरिया तेरी हुई, साँच न आए आंच साँच न आए आंच, मुर्ख की
Read Moreढोंगी करता ढोंग है, नाच जमूरे नाच बांदरिया तेरी हुई, साँच न आए आंच साँच न आए आंच, मुर्ख की
Read Moreबहुत विचार हुआ, दिल से करार हुआ, अब हिल मिल सब, मान भी बढ़ाइए राष्ट्र भाषा हिंदी बिंदी, ललिता लाली
Read Moreहल्के लोग करते हैं सदैव हल्की ही बातें और करते हैं सबसे ये उम्मीद क़ि उनकी हल्की बातों को भारी
Read Moreविजय तिरंगा हाथ लिए, सब सैनिक भरते थे हुँकार चहूं और से लगते नारे, और फिर होती जय जय कार
Read Moreविश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज। दिल्ली में फिर कैंची से गोद कर एक मासूम युवती की हत्या राजस्थान
Read Moreवर्षा की बूंदो से नदिया उमड़-घुमड़ भर जाती हैं कल-कल ध्वनि मे नदिया अपनी गीत सुनाती हैं देख जवानी नदियो
Read Moreदेखा करो अपने आप को कभी दर्पण में शायद तुम्हें नज़र आएगा तुम्हारा मचलना, देखा करो अपनी आँखों की पुतली
Read Moreअब नही जायेगी अनिता स्कुल नही चहकेगी घर के आंगन में किसी चिड़िया की तरह नही बिनेगी माँ संग मँहुआ
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