कुंडलिया छंद””
चित्र अभिव्यक्ति…… साथी मेरे सीप का, मोती मत विखराय स्वाती मेरे नैन से, नाहक मत बरसाय नाहक मत बरसाय, जानती
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति…… साथी मेरे सीप का, मोती मत विखराय स्वाती मेरे नैन से, नाहक मत बरसाय नाहक मत बरसाय, जानती
Read Moreसुनो, तिरंगा मेरे मन की बात तुझे सुनाऊं मैं, तू है मेरे देश की शान यह सबको बतलाऊं मैं, खिल
Read Moreप्रेम और सत्य दोनों ही ढाई अक्षर के शब्द हैं… कितने सुन्दर कितने पवित्र हैं ये शब्द, जो ह्रदय से
Read Moreशिर्षक- ताल,सरोवर, पोखर ,तड़ाग ,तालाब) ताल तलैया भर गए, बहे सरोवर वाढ़ कहि सुखी सी बादरी, वर्षा तड़क अषाढ़। हाहाकार
Read Moreदो राहों पर जिंदगी ये बात कुछ अजीब है मन में उठते सैकड़ों सवाल ये ख्यालात कुछ अजीब है बामुश्किल
Read Moreदीवाली में दीप अली के रमजानो में राम इतना सुंदर भाई चारा क्यों करते बदनाम। कहने को तो भेष अलग
Read Moreवो ख़फ़ा नहीं है हमसे होते तो कोई गम न था वो बेवफा नहीं हमसे होते तो कोई गम न
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