आत्मकथा : एक नज़र पीछे की ओर (कड़ी 48)
संघ कार्य मैं चाहे देश के किसी भी भाग में रहूँ, संघ के कार्यकर्ताओं के सम्पर्क में सबसे पहले आ
Read Moreसंघ कार्य मैं चाहे देश के किसी भी भाग में रहूँ, संघ के कार्यकर्ताओं के सम्पर्क में सबसे पहले आ
Read Moreलखनऊ में मैं 8 मार्च 2010 को प्रातःकाल ही लखनऊ आ गया और निर्धारित समय पर अपने कार्यालय में भी
Read Moreदीपावली समारोह श्रीमती जी के आॅपरेशन के बाद जो दीपावली आयी, वह हमने पंचकूला में ही मनाना तय किया। सूरत
Read Moreबांगिया जी का स्थानांतरण हरिद्वार शिविर में जाने से कुछ दिन पहले हमारे बैंक में बड़े पैमाने पर उच्च अधिकारियों
Read Moreकुल्लू-मनाली भ्रमण (जारी) फिर हम मणिकर्ण की ओर चले। यह पार्वती नदी के किनारे है। पार्वती नदी नीचे आकर व्यास
Read Moreकुल्लू-मनाली भ्रमण (जारी..) दूसरे दिन हम मनाली के स्थानीय दर्शनीय स्थलों को देखने गये। मुख्य रूप से हिडिम्बा देवी का
Read More‘कपिल’ को पुनः प्रेम-रोग मैं अपनी ससुराल में एक भतीजे ‘कपिल’ के प्रेम-रोग के बारे में पीछे लिख चुका हूँ।
Read Moreतीन अधिकारियों का स्थानांतरण उस कार्यालय में तीन-चार अधिकारी ऐसे थे, जो मेरी बहुत इज्जत करते थे और मुझे सभी
Read Moreहिसाब-किताब का मामला वैसे बांगिया जी बाहर वालों के लिए बहुत उदारता का व्यवहार करते थे और अपनी दरियादिली दिखाते
Read Moreगौड़ साहब का स्थानांतरण सन् 2008 में बांगिया जी का प्रोमोशन हुआ और वे सहायक महा प्रबंधक बन गये। हम
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