41.व्यंजन-गीत
(बाल काव्य सुमन संग्रह से) ‘क’ कबूतर पक्षी प्यारा, गुटरु-गूं से लगता न्यारा. ‘ख’ खरगोश सफेद रुई-सा, छूने से
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) ‘क’ कबूतर पक्षी प्यारा, गुटरु-गूं से लगता न्यारा. ‘ख’ खरगोश सफेद रुई-सा, छूने से
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) माता मेरी सबसे प्यारी, सारे जग से है वह न्यारी, दुनिया में प्यारी मां
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) चौराहे की बत्तियां तीन, गुण भी इनके गिन लो तीन, अलग-अलग रंगों वाली ये, देती
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) सावन आया, सावन आया, हरियाली है सावन लाया, खुशियों से मन हर्षाने को झूले
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) काले बादल, काले बादल, घुमड़-घुमड़कर आए बादल, छाया करते प्यारे बादल, बादल हैं धरती
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) प्यास बढ़े जब धरती मां की, आती वर्षा रानी, धरती पर खुशहाली लाती, धरती
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