‘फिर नहीं ललकारा’ : बाल कहानी
बैडी सियार को इन दिनों पहलवानी का शौक चढ़ा था। उसने अच्छी-खासी रकम देकर जंबों हाथी से पहलवान के गुर भी
Read Moreबैडी सियार को इन दिनों पहलवानी का शौक चढ़ा था। उसने अच्छी-खासी रकम देकर जंबों हाथी से पहलवान के गुर भी
Read Moreवसंत आया। चींटी के बच्चों ने कहा-‘‘मम्मी! हम कब तक अंधेरे में रहेंगे? हमें दुनिया देखनी है।’’ चींटी ने डाॅटते
Read Moreजंबो हाथी नल के नीचे नहा रहा था। चूंचूं चूहा चिल्लाया-‘‘अरे! अरे! जंबो दादा। यह क्या कर रहे हो?’’ जंबो
Read Moreएक नन्ही सी चींटी थी। आज वह घर से बाहर निकली थी। एक तितली ने चींटी का रास्ता रोक लिया।
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