क्षणिका अशोक बाबू माहौर 20/04/202324/04/2023 #ashokbabumahour, अतुकांत कविता, अशोक बाबू माहौर की कविता, अशोक बाबू माहौर की रचनाएँ, क्षणिका क्षणिकाएं 1) कड़ी धूप कड़ी धूप उतरी गर्मी सिर पर भारी पसीने से भीगे लोग ढूँढते छाया नीम, बरगद, पीपल की, Read More
कविता कल्पना मनोरमा 09/02/201527/02/2015 अतुकांत कविता माँ से मामा की बातें सुनती हो माँ !!!!!!! हाँ सुनती हूँ!!!! बोलो ना मेरे प्यारे मुन्ना माँ,चन्दा मामा मुझसे इतनी दूर क्यों रहता हैं? Read More