मेरी माटी, मेरा भारत
मेरी माटी की महिमा अपार हैजान रहा इसे सारा संसार है,भिन्न भिन्न है बोली वाणीअरु भिन्न भिन्न परिधान है। बहुरँगी
Read Moreमेरी माटी की महिमा अपार हैजान रहा इसे सारा संसार है,भिन्न भिन्न है बोली वाणीअरु भिन्न भिन्न परिधान है। बहुरँगी
Read Moreहमें गर्व है अपनी मातृभूमि परजाति -धर्म, भाषा, संस्कार, तीज, त्योहार, परिवेश परविकास के बढ़ते आयाम, सम्मान स्वाभिमान पर।हमें गर्व
Read Moreहम सब जानते हैंजैसा कर्म करेंगे, वैसा ही फल पायेंगेगीता का यही ज्ञान, है जीवन का विज्ञान।कौरव पाँडव का उदाहरण
Read Moreप्रभु तुम कण कण में होधरती हो या आकाशमनुष्य हो या जानवरपेड़ पौधे फूल पत्तियों मेंहै तेरा निवास।सजीव हो निर्जीव
Read Moreसुख दुख का साथीहम किसे मानते हैं,कभी मां बाप भाई बहनपरिवार, रिश्तेदार कोअपना साथी समझते हैंया अपने जीवन साथीया फिर
Read Moreमन के परिंदे ने अभी तकहौसला नहीं खोया है,उसका आत्मविश्वासअभी नहीं सोया है।थोड़ा डगमगा जरूर रहा हैपर पीछे हटने का
Read Moreप्रश्न कठिन है ये कह पानाकि मैं कौन हूँ?कोई भी विश्वास से कह नहीं सकताकि मैं कौन हूँ?पर दंभ में
Read Moreअजीब तमाशा हैजैसे हमें पता ही नहीं हैकि अवध में राम आये हैं।चलिए! आपने कहा तो हमने मान भी लियापर
Read Moreऐसा भी होता है यह विश्वास तो नहीं होतापर करना ही पड़ता,क्योंकि अविश्वास का कोई कारण भी अब शेष नहीं
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