स्वार्थी मन
मन स्वार्थी है, ये कहना आसान हैमगर मन स्वार्थी क्यों है?ये सोचने का हमारा मन नहीं है।क्योंकि हम खुद स्वार्थी
Read Moreमन स्वार्थी है, ये कहना आसान हैमगर मन स्वार्थी क्यों है?ये सोचने का हमारा मन नहीं है।क्योंकि हम खुद स्वार्थी
Read Moreहे ज्ञान की देवी मातु शारदेहम पर तनिक कृपा कर दो,मुझ पर भी थोड़ी दया कर दोहमको भी ज्ञान का
Read Moreधधक रही है सूर्य ताप से दोपहरीआकुल व्याकुल हैं जनमानसपशु-पक्षी, जीव जंतु, कीड़े मकोड़ेपेड़ पौधे और वनस्पतियाँ।सूख गये सब ताल
Read Moreआज संविधान दिवस हैआप सभी को बहुत बहुत बधाइयां हैं,इस अवसर पर कुछ तथ्य आपसे साझा करता हूँभारत का संविधान
Read Moreमेरी माटी की महिमा अपार हैजान रहा इसे सारा संसार है,भिन्न भिन्न है बोली वाणीअरु भिन्न भिन्न परिधान है। बहुरँगी
Read Moreहमें गर्व है अपनी मातृभूमि परजाति -धर्म, भाषा, संस्कार, तीज, त्योहार, परिवेश परविकास के बढ़ते आयाम, सम्मान स्वाभिमान पर।हमें गर्व
Read Moreप्रभु तुम कण कण में होधरती हो या आकाशमनुष्य हो या जानवरपेड़ पौधे फूल पत्तियों मेंहै तेरा निवास।सजीव हो निर्जीव
Read Moreअजीब तमाशा हैजैसे हमें पता ही नहीं हैकि अवध में राम आये हैं।चलिए! आपने कहा तो हमने मान भी लियापर
Read Moreऐसा भी होता है यह विश्वास तो नहीं होतापर करना ही पड़ता,क्योंकि अविश्वास का कोई कारण भी अब शेष नहीं
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