क्षणिका अशोक बाबू माहौर 20/04/202324/04/2023 #ashokbabumahour, अतुकांत कविता, अशोक बाबू माहौर की कविता, अशोक बाबू माहौर की रचनाएँ, क्षणिका क्षणिकाएं 1) कड़ी धूप कड़ी धूप उतरी गर्मी सिर पर भारी पसीने से भीगे लोग ढूँढते छाया नीम, बरगद, पीपल की, Read More
क्षणिकापद्य साहित्य डॉ. जेन्नी शबनम 02/08/202229/07/2022 क्षणिका अब्र 1. अब्र ज़माने के हलाहल पीकर जलती-पिघलती मेरी आँखों से अब्र की नज़रें आ मिली न कुछ कहा, न कुछ Read More