गीतिका/ग़ज़ल राज किशोर मिश्र 'राज' 18/12/201524/12/2015 गीतिका / ग़ज़ल ग़ज़ल : जिंदगी लय ताल बनकर रह गयी… जिंदगी लय ताल बनकर रह गयी बंदगी मन चाल बनके कह गयी सोच अब कितना बदलता जा रहा आदतें रस Read More