मुक्तक/दोहा राज किशोर मिश्र 'राज' 06/08/201607/08/2016 घन श्याम घन श्याम प्रेम बरबस मन बसे — घन श्याम कहते हैं ज्ञान सरयू धार हों — श्री राम कहते हैं भक्त बन Read More