गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 20/12/201721/12/2017 चाँद सूरज फूल, यार का चेहरा चाँद सूरज फूल में बस यार का चेहरा मिला हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश है वक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिला चार पल की जिंदगी Read More