मुक्तक/दोहा राज किशोर मिश्र 'राज' 12/05/2016 जिंदगानी कल जिंदगानी कल १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ नही पानी बहाओ अब- यही जीवन सजाता है/ करो बर्वाद ना पानी – यही सबको रुलाता Read More